Investment Tips: विदेश में पैसा भेजना हुआ महंगा, चार गुना लगेगा TCS, एक्सपर्ट्स से जानें विदेश में निवेश का सही तरीका
Investment Tips: 1 जुलाई, 2023 के बाद से LRS यानि लिबरेलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश रकम भेजने पर अब चार गुना TCS कटेगा.
(Source: Reuters)
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Investment Tips: 1 जुलाई 2023 के बाद LRS यानि लिबरेलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश रकम भेजने पर अब 5% की बजाए 20% TCS कटेगा. यानि ₹7 लाख रुपये से ज्यादा रकम विदेश भेजने पर अब ज्यादा TCS कटेगा. विदेशी बाजार में डायरेक्ट निवेश अगर करना चाहते हैं तो इन नियमों का क्या और कितना असर आप पर होगा या फिर विदेश में म्यूचिअल फंड या ETF के जरिए निवेश करना ज्यागा बेहतर है. आइए रेजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर अमित कुकरेजा और फिनकार्ट के सीईओ तनवीर आलम से जानते हैं विदेश पैसे भेजने के सारे नियम.
विदेश पैसा भेजना अब महंगा
- LRS- लिबेरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम
- LRS के जरिए विदेश में $2.5 लाख/साल निवेश सीमा
- LRS स्कीम में रकम पर TCS 5% से बढ़कर 20%
- TCS- टैक्स कलेक्शन एट सोर्स
- 1 जुलाई 2023 से लागू होंगे नए नियम
- बजट 2023 में TCS बढ़ोतरी का हुआ ऐलान
विदेश पैसे भेजना अब महंगा
— Zee Business (@ZeeBusiness) March 9, 2023
LRS में TCS कटौती हुई 4 गुना
विदेशी निवेश का क्या सही तरीका?
विदेशी निवेश-डायरेक्ट या MF सही?
विदेश में निवेश के क्या हैं TAX नियम?
देखिए #MoneyGuru में
विदेशी निवेश पर टैक्स की कैंची@rainaswati | @aakukreja https://t.co/UNZzenCv6q
विदेश में निवेश- कैसे करें?
- लिबेरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम
- रेमिटेंस का मतलब देश से बाहर पैसे भेजना
- स्कीम के तहत विदेशी मुद्रा बाहर भेज सकते हैं
- FY में अधिकतम $2.5 लाख देश से बाहर भेज सकते हैं
- स्कीम भारत के नागरिक बालिग या नाबालिग के लिए
- स्कीम कॉरपोरेट,पार्टनरशिप फर्म,HUF,ट्रस्ट के लिए नहीं
- एक बार में ₹7 लाख से ज्यादा रकम भेजने 20% TCS कटेगा
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ग्लोबल स्टॉक में निवेश-कैसे करें?
- सीधे विदेशी शेयर खरीदें
- विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश
ग्लोबल बाजार में निवेश से डायरेक्ट स्टॉक कैसे खरीदें?
- लोकल ब्रोकर का विदेशी ब्रोकर के साथ टाई-अप हो
- विदेशी ब्रोकर के साथ भारत में अकाउंट खोलने की सुविधा
- NSE IFSC के जरिए विदेशी बाजार में निवेश कर सकते हैं
- BSE(India INX) के जरिए भी निवेश करना आसान
LRS के लिए दस्तावेज
- PAN
- आधार
- वायर ट्रांसफर
- फॉर्म A2 डेकलेरेशन फॉर्म
डायरेक्ट स्टॉक में निवेश पर टैक्स के नियम
- निवेश वाले देश के साथ DTAA के नियम लागू
- DTAA-डबल टैक्सेशन एवॉइडेंस एग्रीमेंट
- भारत का 80 से ज्यादा देशों के ज्यादा DTAA लागू
- टैक्स संधि वाले देशों के साथ एक ही देश में टैक्स लगेगा
- अमेरिका में भारतीयों के लिए कैपिटल गेन पर टैक्स नहीं
डायरेक्ट स्टॉक में निवेश पर भारत में कितना टैक्स?
- अमेरिकी स्टॉक 24 महीने होल्ड करने पर लॉन्ग टर्म होगा
- इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20% LTCG टैक्स लगेगा
- शेयर 24 महीने से कम होल्ड करने पर शॉर्ट टर्म
- STCG टैक्स टैक्स स्लैब के अनुसार लगेगा
MF के जरिए विदेशी निवेश
- फंड ऑफ फंड्स-भारतीय फंड जिनका विदेशी फंड में निवेश
- ETF-घरेलू फंड जो विदेशी इंडेक्स में निवेश करते हैं
- विदेशी स्टॉक में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड
बाजार में मौजूद FoF
- ABSL NASDAQ100 FoF
- DSP Global Innovation FoF
- Edelweiss US Tech. Eq. FoF
- Invesco Global Eq. Income FoF
- Kotak NASDAQ 100 FoF
- Navi NASDAQ 100 FoF
- Navi US Total Stock Market FoF
बाजार में मौजूद ETF
- Mirae Asset Hang Seng Tech ETF
- MOSL NASDAQ 100 ETF
- Mirae Asset NYSE FANG+ ETF
- विदेश में पैसा लगाने वाले घरेलू फंड
- ICICI Pru US Bluechip Fund
- ABSL International Equity
- PGIM Ind. Global Eq. Opp. Fund
- Nippon Ind. US Eq. Opp. Fund
- DSP Global Allocation
- DSP US Flexible
- Invesco Pan European Eq. Fund
- विदेश में निवेश की सीमा
- सारे घरेलू फंड मिलाकर $7 बिलियन निवेश की अनुमति
- विदेशी ETF में $1 बिलियन की अलग से अनुमति
- प्रति म्यूचुअल फंड अधिकतम $300 मिलियन की अनुमति
विदेश में निवेश पर MF पर टैक्स के नियम
- विदेश में MF के जरिए निवेश पर डेट के टैक्स नियम
- 3 साल से पहले रिडीम करने पर STCG टैक्स के नियम
- STCG होने पर टैक्स स्लैब के अनुसार कटौती
- 3 साल के बाद यूनिट रिडीम करने पर LTCG टैक्स लगेगा
- 3 साल बाद रिडीम करने पर 20% LTCG+इंडेक्सेशन लाभ
विदेशी बाजार में निवेश के क्या फायदे हैं?
- विदेशी बाजार में डायवर्सिफिकेशन का मौका
- विदेशी बाजार के उछाल पर रिटर्न में फायदा
- टॉप विदेशी कंपनियों में निवेश
- रूपये की गिरावट से फायदा
विदेशी बाजार में निवेश के लिए कैसे चुनें फंड?
- निवेश का लक्ष्य क्या है
- कितना एलोकेशन करना है
- जोखिम क्षमता कितनी है
- विदेशी बाजार की कितनी जानकारी है
- कितने समय के लिए निवेश करना है
- ग्लोबल निवेश में क्या रखें ध्यान?
- जोखिम फैक्टर भारतीय फंड से अलग
- निवेशक जोखिम क्षमता अनुसार निवेश करें
- लंबी अवधि के निवेश के लिए फायदेमंद
- कम से कम 5 साल का नजरिया रखें
- पोर्टफोलियो में 10-15% तक निवेश सही
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08:38 PM IST